Morari Bapu Quotes Thoughts and Words in hindi : Part 1
मोरारी बापू के वाक्य, विचार और शब्द : पार्ट 1
मोरारी बापू के शब्दों, वाक्यों और विचारों को आपके सामने उन्ही की भाषा में पेश किया जा रहा है। ये सारे सूत्र मानस महिम्न लंदन राम कथा से लिए गए हैं।
- ज़िन्दगी भर सीखते रहो ….दूसरों पर प्रभाव डालने के लिये नहीं …अपना स्वभाव सुधारने के लिये।
2. कई लोग कहते हैं कि बापू हमसे सीखते हैं …फिर बोलते हैं …. बेईमानी है ……मैं सुनता हूँ …स्वांत: सुख ….मेरे पास राम नाम है ..मुझे कुछ सीखने को शेष नहीं ….काफी है साहब।
3. धर्म की हानि धर्म से ही होती है …अधर्म से होती ही नहीं….अंधेरे की क्या ताकत है कि उजाले को ललकार सके … तथाकथित धर्म ही धर्म को ग्लानि पहुँचाता है।
4. ज़िन्दगी भर सीखते रहो ….दूसरों पर प्रभाव डालने के लिये नहीं …अपना स्वभाव सुधारने के लिये।
5. कुछ ना करे आदमी और केवल एक कमरे में बैठकर, आँख में आँसू भर जाये और खाली माँ …माँ …माँ …एक बार जगदंबा को पुकारकर miss call तो करो …सामने call back करेगी वो।
6. मोहब्बत माँगती नहीं। (मानस महिम्न )
7. आप यदि बौद्धिक हैं ..बुद्धि प्रधान हैं ..विचारक हैं, आप माने या ना मानें ..कुबूल करें ..ना करें ..आपकी मर्ज़ी लेकिन मुझे कहने दो आपके गुरू ब्रह्मा हैं। आप शंकराचार्य परम्परा के दार्शनिक हैं तो आपके गुरू शंकराचार्य हैं।
सेवा, दासत्व, राम नाम और राम काम इसमें जिसकी रूचि हो तो उसके गुरू हनुमान हैं। पूरे जगत की माताओं की गुरू माँ अंबा हैं ..परांबा ..जगदंबा।
प्रेम …यदि प्रेम का मार्ग है हमारा तो हमारे रामायण की भुमि पर गुरू भरत हैं और कृष्ण चरित्र पर गुरू राधा हैं …लेकिन ..लेकिन …लेकिन …
त्रिभुवन के गुरू केवल महादेव हैं।
8. लोग कहते हैं कब तक भरोसा रखें ? कब तक यकीन रखें ? …..
जनम..जनम रखो।
सामनेवाली व्यक्ति तुम समझ लो कि भरोसे के योग्य ही नहीं है तो ये उनकी लायकात है … तुम्हारी लायकात तुम मत छोड़ो।
9. एक नागरिक के नाते यदि मुझे कोई विचार प्रस्तुत करने की छूट हो तो मैं ये कहूँगा कि राष्ट्रध्वज किसान और जवान के हाथों से फहराया जाय। किसान हमारा पोषण करता है और जवान हमारा रक्षण करता है।
10. जिस वाणी में सत्य ना हो, प्रेम ना हो, करूणा ना हो, वो वाणी कभी असर नहीं करेगी। मैं कितना ही बड़ा वक्ता हूँ ..आप कितने ही बड़े श्रोता हो ..कोई कितना बड़ा गायक हो ..विचारक हो ..लेखक हो ..कवि है ..सर्जक है …लेकिन आप याद रखियेगा जो मैं महसूस कर चुका हूँ कि आदमी जब सत्य से थोड़ा दूर जाता है तो उसकी तत्क्षण वाणी में मलीनता आ जाती है ..वाणी स्खलन होती है। वाणी …जिसमे व्हाल(प्रेम )छूट जाये। मैं कितना कर पाऊँ खबर नहीं ..आप मेरे हैं इसलिये मेरी बातें बता रहा हूँ …आप अन्यथा कोई भी अर्थ करें…रविवार को मैं चला जाऊँगा ..करते रहना विचार।10
मुझे कई लोग कहते हैं कि बापू तलगाजरडा आना क्यूँ अच्छा लगता है ? मेरा एक वाक्य है गुजराती में …हूँ वटलाव्या वगर व्हाल करूँ छूँ ….(convert किये बिना प्रेम करता हूँ )कि तू ये धर्म छोड़ दे ..ये संप्रदाय छोड़ …मैं कभी किसीकी कंठी तुडवाने की बात ना करूँ।
हाँ …कभी कभी कंठ पकड़ लूँ …कंठ पकडूँ …हाथ फेरने के लिये कि थोड़े विष पीये हो ना बाप तो तुझे राहत मिल जाये …convert किये बिना ..दुनिया को प्यार करो।
11. मेरे पास 1 शेर है।
खुश रहे या उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे …
किसी बुद्धपुरूष …किसी पहुँचा हुआ फकीर …कोई जागा हुआ संत ….बशीर बद्र साहब का शेर है …
खुश रहे या उदास रहे
ज़िन्दगी तेरे आस पास रहे
आज हम सबके साथ खूब हँसे
और फिर देर तक उदास रहे।
12. मैने बड़े बड़े समर्थ उद्योगपति को मना कर दिया ..जब उन्होंने कहा कि हमारे कमरे में करो कथा क्योंकि उद्योगपति कायम बीमार रहता था। 150..200 हमारे invite किये हुए आयेंगे …मैने सविनय मना कर दिया …मेरी कथा को आप बंद दरवाजे में ना कर सको।
आ पाटला पारायण नथी ….आ ओटला पारायण छे।
13. मैं इतनी बड़ी माला रखता हूँ। अब तो सब रखते हैं इसलिये कोई बोलता नहीं … तो कई लोग कहते हैं कि बड़ी बड़ी माला लेकर घूमते हैं …तो क्या इसको छोड़ दूँ ?
इस माला ने ….इसने ही तो मालामाल किया है यार।
14. प्रारब्ध है अपने कर्म का लेखा जोखा …. नियती है हरि इच्छा …उसको होने दो ….
जो सुजान है …जो अजान है ..वो तो गालियाँ देगा ..क्या कर डाला ?…क्या हो गया ?क्या हो गया ?तुम नहीं बदल सकते थे क्या ??….
और जिसको भजन में प्रीति है …उसको तो कहना चाहिये कि प्रभु ..नियती को तू भी नहीं बदलना चाहता …तो आ ..हम तुम्हें support करते हैं ..तेरी इच्छा को हम कुबूल करते हैं।
15. कल मुझे किसीने चिट्ठी दी थी कि मेरा बाप राम को भजता है …राम का मंत्र।
मेरी माँ कृष्ण को भजती है …उसका मंत्र कृष्ण का मंत्र।
मुझे क्या जपना चाहिये ??
मैने कहा माँ जानकी हरि नाम जपती थी ..राम तो उनके जीवन हैं …लेकिन जानकी का मंत्र है …मानस के आधार पर …हरि …हे हरि।
तो राम कृष्ण हरि …….राम कृष्ण …माँ पिता का मंत्र आ जाये ….. और हरि लगा दो …..
बोलो राम कृष्ण हरि …राम कृष्ण हरि।
16. एक वस्तु याद रखना ..कथा में entry ही है …exit है ही नहीं ….
आये… तो गये… समझ लेना।
सर पर कफन बाँध कर आना …..
बावा तुम्हें छोडेगा नहीं।
बापू के शब्द
मानस महिम्न
जय सियाराम