Bhagwan(God) Hai ya nahi hai ?
Is there any god or not in hindi
hum sab yahi sochte hain ki bhagwan hai ya nahi hai? ye question sabhi ke mind me hai.
अगर इन प्रश्नों का जवाब किसी कहानी के माध्यम से मिले तो हमें जल्दी समझ में आता है। ऐसी ही कहानी आपके लिए है। भगवान है या नहीं है?
किसी नाई की दुकान पर कोई व्यक्ति बाल कटवाने गया था। तो अब जैसे लोग बातें शुरू कर देते हैं, ऐसे ही बाल कटवाते कटवाते उस व्यक्ति की नाई से बातें होने लगी और भैया जो बातें शायद parliament में भी नहीं होती होंगी वो नाई की दुकान पर जरूर होती हैं, बड़ी बड़ी बातें होती हैं।
तो बात घूमते घूमते भगवान पर आ गई। तो नाई ने कहा अरे, भगवान वगवान कुछ नहीं है, ये सब बेकार का ढोंग है, मैं किसी भगवान को नहीं मानता।
क्यों नहीं मानता?
नाई बोला – भगवान होता तो क्या संसार में लोग इतने दुखी होते? यदि भगवान होता तो क्या सबके दुःख को कष्ट को दूर नहीं करता। मैं किसी भगवान को नहीं मानता
अब उस व्यक्ति ने भी कोई ज्यादा तर्क नहीं किया। वो बाल कटवाकर निकला दुकान से, तभी उसने बाहर निकलते ही नाई को आवाज लगा कि भईया, थोड़ा एक मिनट बाहर आना, केवल एक मिनट के लिए। वो आया बाहर।
तो उसको कहा कि सामने एक व्यक्ति जा रहा है और उसके कितने लम्बे बाल हैं, कितनी लम्बी दाढ़ी है, तुम उसके बाल क्यों नहीं काटते, तुम उसकी दाढ़ी के बाल छोटे क्यों नहीं करते, सिर के बाल छोटे क्यों नहीं करते? तुम्हारे होते हुए वो बाल बढ़ाये घूम रहा है?
तो नाई ने कहा – इसमें मैं क्या करूँ! वो मेरे पास जब तक आएगा ही नहीं मैं कहाँ से काटू इसके बाल? मैं तो दुकान खोलकर ही इसलिए बैठा हूँ कि लोगों के बाल छोटे करूँ, काटूँ। लेकिन ये मैं तभी तो कर पाऊँगा जब कोई मेरे पास आएगा कटवाने।
तो उस व्यक्ति ने कहा – भैया, इसी तरह से बांके बिहारी(भगवान) तो दुःख दूर करने बैठे हुए हैं लेकिन दुःख तभी तो दूर होंगे जब उनके चरणों में कोई आएगा। उनकी कृपा का अनुभव वही तो करेगा जो उनके चरणों में आएगा। कृपा तो सब पर बरस रही है भैया लेकिन दिखाई उसी को देगी जो भगवान के चरणों में आएगा।
शब्द : श्री गौरव कृष्ण गोस्वामीजी जी