क्या सत्य/सच की हमेशा जीत होती है?
Kya Satya/sach ki hamesha jeet hoti hai
Does Truth Always Triumph in hindi?
सत्य/सच – हम सब कहते हैं कि सत्यमेव जयते। सच की हमेशा जीत होती है। लेकिन कभी कभी ऐसे संदर्भ देखने को मिल जाते हैं कि जिसके पास ज्यादा रूपये पैसे हैं वो झूठ को सच बनाकर अदालत में जीत जाते हैं या सबूतों के अभाव में फलां फलां बरी। तो इसका क्या अर्थ है सत्य हार गया? सच की कीमत नहीं रही? ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
मोरारी बापू राम कथा में बताते हैं कि –
सद् हारे तो भी सद् है ……..याद रखना …..सत्य हारे तो भी सत्य है।
सत्य को हार जीत से कोई लेना देना नहीं। जो लोग सत्य को हार जीत के पलडे में तोलते हैं …मुझे लगता है उसे सत्य के स का भी खबर नहीं।
सत्य को क्या हार …क्या जीत ?
गांधीजी को गोली मारी और गांधीजी की death हो गई तो क्या सत्य मर गया?
आज दुनिया में आदमी छाया हुआ है।
हरिश्चन्द्र बिक गया काशी के बाजार में ….क्या उसका सत्य बिक गया ?
नको(नहीं)…
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socrates ने ज़हर पीया और लंबी सांस लेकर सो गये, क्या उसका सत्य सो गया ?
लोग क्या कहते हैं ?….कि सत्य जीतेगा ….जो हारेगा वो असत्य है।
जीत कितनी मामूली चीज़ है ….सत्य को इससे क्या लेना देना ?
मुझे तो लगता है कभी कभी ….सत्य ज़्यादा जीतता ही नहीं। दुनिया की बोली में हारता ही है और हारने में ही सत्य की शोभा है।
तुलसीदासजी हार को हार नहीं कहते …जय माला कहते हैं।
ये माला है सत्य की माला …जिसके फूल कभी मुरझायेंगे नहीं।
सत्य कभी हारता नहीं …सत्य कभी जीतता नहीं ….सत्य सत्य रहता है।
बापू के शब्द
मानस सिया
जय सियाराम
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