Sadhna kab karni chahiye
साधना कब करनी चाहिए?
मोरारी बापू द्वारा केदारनाथ में राम कथा गाई गई। इस कथा में बापू ने मानस शंकर पर बोलने को चुना। बापू कथा में साधना में के बारे में बताते हुए कह रहे हैं कि
When to do Sadhna by Morari Bapu : मोरारी बापू : साधना कब करनी चाहिए
साधना पूर्णिमा की रात को नहीं ..अमावस की रात में करो। पूर्णिमा के उत्सव मनाओ ..पूर्णिमा को रास करो। ..जिन बुद्धपुरूष ने साधना की है अमावस को की है .. प्रकाश disturb करता है ..उजाले का काम है disturb करना।
..हम और आप संसारी लोग ..सोये हैं और अचानक कोई switch on करे तो हम जाग जाते हैं ..प्रकाश सदैव disturb करता है …अंधेरा सहायक है ..
साधना में अंधेरा बहुत मदत करता है मैं तो देहात में रहने वाला हूँ ..अभी भी देहात में हूँ ..अब तो इतना घूमना फिरना बंद हो गया ..लेकिन देहातों में घने अंधेरे में तुम निकलो ना ..आधे घंटे में अंधेरा तुम्हें उजाला देने लगता है।
उजाले में कई भूले पड़े हैं ..मेरे शब्दों को समझियेगा ..उजाले ने जितनी भूल करायी है अंधेरे ने करायी नहीं ..अंधेरे में हुई भूल क्षम्य होती है ..उजाले में हुई भूल अक्षम्य है ..दंडनीय है ..सज़ा के पात्र हैं।
मैं देहातों में रहा हूँ ..रात को कभी कभी 3 बजे मैं और भिखाराम काका आखरी show देखकर लौटते हों globe talkies से फिल्म का ..तो 1 उजाला होने लगता है ..अंधेरा गलियाँ दिखाता है ..उजाला तो राजमार्ग भुला देता है ..उजाले में overtake करनेकी आदत हो गयी है सबकी ..और अंधेरे में पगडंडियाँ पहुँचा देती हैं मंजिल तक धीरे ..धीरे ..धीरे ..धीरे …
बापू के शब्द
मानस शंकर
जय सियाराम बाप