31 दिसंबर को क्या करें | 31 December ko kya kare
What to do on 31st December in hindi
नव वर्ष की आप सबको बहुत बहुत शुभकामना। दोस्तों 31 दिसंबर की रात में हो सकता है आपने दोस्तों के साथ पार्टी रखी हो, एन्जॉय करने के लिए, ठीक है, करो, जरूर करो। लेकिन मर्यादा में रहकर। आपकी पार्टी किसी को नुकसान न पहुंचाएं बस।
हम हर बार कुछ न कुछ 31 दिसंबर की रात को एन्जॉय करने कल लिए सोचते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा कि इतनी ठण्ड है, कोई गरीब व्यक्ति फुटपाथ पर सो रहा है ठण्ड से ठिठुर रहा है तो मैं उसे एक कम्बल ही दान में दे दूँ। जो 500-1000 रूपये हम इकट्ठे करके पार्टी करें इससे अच्छा है कि किसी व्यक्ति के जीवन में ख़ुशी लेकर आएं। किसी को कोई गिफ्ट दे दें। लेकिन ध्यान रहे ये गिफ्ट आप अपने स्वार्थ के लिए मत देना किसी को, कोई पुण्य कमाने के लिए मत देना, सिर्फ और सिर्फ मानवता के नाते किसी का भला हो तो दे देना। कभी करके देखना, आपको अपनी पार्टी से ज्यादा मजा लोगों को ख़ुशी देकर आएगा।
इसी को लेकर राम कथा कहने वाले मोरारी बापू कहते हैं, आइये उन्हीं के शब्दों में सुने, वो कहते हैं कि
आप शराब पीयें, आप ना खाने का खायें, आप ड्रग्स लें, आप ऐसा तैसा पी, मैं दबाव नहीं डालता लेकिन प्रार्थना तो करूँ साधु के नाते।
राम राजा के दरबार में बैठे हैं। इतने संतों की उपस्थिती और ऐसे महापुरूष की शताब्दी उत्सव में बैठे हैं।
मेरे भाई बहन ऐसी तैसी चीज़ पीते हो …खाते हो …तो ओरछा नदी में …बहाते जाना।
मैं ना प्रतिज्ञा लेने को कहता हूँ, ना हाथ ऊँचा कराऊँ लेकिन दिल तक बात पहुँचे …ज़रा व्यसन से बाहर अाओ।
क्यूँ मैं 11 बार हनुमान चालिसा का व्यसनी ना होऊँ? कि रोज़ 11 बार हनुमान चालिसा का पाठ करूँ ?
जिसको भी मानते हो …वैश्नव यमुनाष्टक का पाठ करो।कोई आपत्ति नहीं।
शैव हो …महिम्न का पाठ करो।
इस्लाम हो तो नमाज़ पढो …मुझे कोई तकलीफ नहीं ….तुम्हारी बंदगी का जो पथ हो करो।
नशा छोडो ….जब दिल में बात आये ….
ये 31st आ रही है ….देश को पागल नहीं होना चाहिये ….
31st को तो कोई स्मशान में जाकर राम चरित मानस का पाठ करो ….जहाँ महादेव बैठा है।
आप अब ये पढ़ लीजिये और थोड़ा विचार जरूर करना कि हम कहाँ जा रहे हैं मोरारी बापू कहते हैं कि
31st ……सावधान।
राम चरित मानस का पाठ करना, हनुमान चालिसा का पाठ करना….ये भारत है। ऐसे तैसे बेफाम मत बरतना ….ध्यान रखना। मैं 9 दिन पिलाकर जा रहा हूँ। …मेरी इज्जत रखना ….कोई कम नहीं पिलायी है साहब ….जनम जनम ना उतरे ऐसी पिलाकर जा रहा हूँ।
व्यसन छूटे मेरे समाज के …थोड़े घर तुम्हारे आबाद होंगे …तुम्हारे बच्चे अच्छा पोषण पायेंगे …अच्छी शिक्षा पायेंगे।
मैं एक जगह भिक्षा लेने गया तो एक माताजी थी …सास थी। सास को तो मैं देखता हूँ तो पता ही लग जाता है कि ये सास ही होनी चाहिये …क्यूँकी शक्ल-ओ-सूरत ही ऐसी है …ये रखती है ऐसे कपड़ा ….लेकिन देखती है पूरे जगत को …खबर नहीं कैसे देखती है …क्या lens लगाये बैठी है ….घर का कोना कोना…कोना देखती है और बहू को तो खास देखती है कि कहाँ गई ?
तो मैं तो समझ गया ये माताजी हैं और वो माताजी घूंघट रखकर मैने कहा माताजी मैं गंगाजल दूँ ….मेरे लिये रोटी कुछ बना?
हाँ ..हाँ…बापू ज़रूर हमारा अहोभाग्य ….कम बोलें लेकिन क्या लोगों का भाव है। इतने में बगल से 1 बहन अपने बच्चे को लेकर आयी और रो पड़ी।
मैने कहा आप इस परिवार की ?
बोली नहीं ….मैं पीछे रहती हूँ। सुना कि आप आये हैं तो मैं 1 बात करने आयी ….मेरा पति बहुत शराब पीता है …बापू …अभी अभी मुझे पीटा है उसने और ये बच्चा रो रहा है …कुछ करो।
घरों की ये हालत है ….मेरे भाई बहन रामकथा सुनने के बाद जब अमृत पीया है तो ध्यान रखो …..सोचो ???
!! मोरारी बापू के शब्द ओरछा में आयोजित राम कथा मानस राम राजा !! जय सियाराम!!