Shiv 12 Jyotirlinga Name(naam) aur Mahima
शिव 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और महिमा
भगवन शिव के ज्योतिर्लिंगों में 12 सबसे महत्वपूर्ण हैं। जिनकी महिमा अनंत हैं। इनके दर्शन की तो महिमा अनंत है ही साथ में केवल इनके नाम लेने की महिमा भी अनन्त है। जो भी व्यक्ति इन 12 शिवलिंग के नामो का सुबह उठकर जप करता है या पाठ करता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। उस व्यक्ति के सारे पाप छूट जाते हैं और इतना ही नहीं वह सम्पूर्ण सिद्धियों के फल को प्राप्त कर लेता है। महिमा इतनी है की दोबारा कभी माँ के पेट में नही आना पड़ता। लेकिन शर्त ये है कि इन ज्योतिर्लिंग का नाम श्रद्धा और विश्वास से, शुद्ध मन से और निष्काम भाव से लेना पड़ेगा।
हो सके तो आप यह श्लोक ही याद करले !
॥ द्वादश ज्योतिर्लिङ्गानि ॥ ( 12 बारह ज्योतिर्लिंग )
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति। कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥
अर्थ : सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में सोमनाथ, श्रीशैल पर मल्लिकार्जुन, उज्जयिनी (उज्जैन) में महाकाल, (मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में ) ॐकारेश्वर अथवा अमलेश्वर, परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में भीमशङ्कर, सेतुबंध पर रामेश्वर, दारुकावन में नागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर केदारखंड में केदारनाथ और शिवालय में श्रीघुश्मेश्वर। जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिङ्गों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। जो भी व्यक्ति इन ज्योतिर्लिंग का दर्शन करता है भगवान महादेव उसकी मनोकामना पूरी करते हैं।
बोलिये हर हर महादेव !!
i love god shiv,bittu.
Jai Jai Shiv Shankar Maheshwaram