Mahashivratri Kyo Manai Jati hai Story in hindi
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है(कथा)
Shiv शिव का अर्थ होता है कल्याण। जो कल्याणकारी है वही शिव हैं। और शिवरात्रि(Shivratri) का अर्थ होता है भगवान शिव की याद में जो रात गुजर जाये। वो शिवरात्रि बन जाती है। इसलिए किसी भी मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ‘शिवरात्रि’ कहलाती है। लेकिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी “महाशिवरात्रि”(Mahashivratri) कहलाती है। जो भगवान शिव की अतिप्रिय रात्रि होती है।
Mahashivratri kyo Manai Jati Hai ? : महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
इसके बारे में पुराण और ग्रंथो, साधु और संतो के अनेक विचार हैं जो इस प्रकार हैं–
- भगवान शिव के जन्मदिवस को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे। इस दिन पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा की गयी थी। यही कारण है की इस दिन शिवलिंग की पूजा की जाती है।
- कहते हैं कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था।
3. जबकि कई स्थानों पर यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव का पार्वती जी के साथ विवाह हुआ था। शिव और पार्वती के विवाह की कथा बढ़ी ही दिव्य है। जो इस कथा को कहता, सुनता और पढता है उसके जीवन में सुख ही सुख आ जाता है।
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4. कहीं कहीं आया है की जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हो रहा था तो सबसे पहले कालकूट विष निकल था। वो विष महाशिवरात्रि के दिन ही निकला। जिसे भगवान शिव ने संपूर्ण ब्राह्मांड की रक्षा के लिए पी लिया था। इससे उनका गला नीला पड़ गया और उन्हें नीलकंठ के नाम से जाना गया। जो देवता और दैत्य अमृत के लिए लड़ रहे थे लेकिन भगवान शिव ने विष पिया और उन सब देवताओं से श्रेष्ठ हो गए। और देवों के देव महादेव बन गए। विष पीने के कारण भोले नाथ का गाला नीला पढ़ गया और महादेव का नाम नीलकंठ पड़ गया।
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