Ramayan Saat kand meaning in hindi : Talgajardi Ramayan
रामायण सात काण्ड का अर्थ : तलगाजरडी रामायण
ये तलगाजरडी रामायण है-
1. बालकांड – समय, स्थल, संजोग और अपनी खुद की समझ। ये चारों ठीक जगह हों तो प्राप्त परिस्थिती का सदुपयोग कर लेना। ये तलगाजरडा की दृष्टि में बालकांड का संक्षिप्त मेसेज है।
2. अयोध्या कांड – दूसरों के हक की वस्तु पर अधिकार ना करना। मेरा अधिकार है तो भी मैं छोड़ दूँ यदि सब ठीक रहता है तो। इतना ही सूत्र अयोध्या कांड का।
3. अरण्य कांड – सादगी, सरलता से जीवन जीना लेकिन तो भी जीवन में रसपूर्णता हो …ऐसा जीवन अरण्य कांड है। सादा जीवन लेकिन परमात्मा का जो पर्याय है ऐसा रसमय जीवन …ये 2 ही वस्तु अरण्य कांड का निचोड है …रस तो लेना …enjoy करना ….सादगी जैसा कोई रस नहीं।
4. किषकिंधा कांड – युवानी का किषकिंधा कांड ये है कि कोई विश्व उपयोगी चीज़ की खोज करना ….ये किषकिंधा कांड का पारायण है।
5. सुंदर कांड– कितनी भी पग बाधायें …कितनी भी मुश्किलें आयें लेकिन जीवन की सुंदरता बनाये रखने के लिये …कैसी भी स्थिती में अखंड हरि स्मरण …ये सुंदर कांड का पाठ है।
6. लंका कांड – जीवन में संघर्ष है …ऐसे में मैं जीत जाऊँगा ऐसा अहंकार ना करना ये लंका कांड का पाठ है। मेरे सामने ये तुच्छ है …वो क्या कर सकेगा मुझे?
लंका कांड का पाठ है मैं अहंकार के मुक्त हो जाऊँगा ….अहंकार से मुक्त जीवन जीने की प्रामाणिक कोशिशें …तलगाजरडी दृष्टि में ये लंका कांड का पाठ है।
7. उत्तरकांड – उत्तरकांड है आखिरी पड़ाव जिसमें प्रश्न अब समाप्त हो जाने चाहिये ….उत्तर ही उत्तर बचने चाहिये ….प्रश्न समाप्त। हमारे जीवन में प्रश्न ही प्रश्न हैं ….समस्या ही समस्या है। जीवन का समाधान लेना …अब नये प्रश्न खड़े मत करो …..जो हैं उसको सुलझाओ …..उत्तर कांड का पारायण …मेरी दृष्टि में ये है कि अब उत्तर में जियो।
ये है तलगाजरडी रामायण …..
मोरारी बापू के शब्द
मानस सेतु
जय सियाराम
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