भगवान राम क्या है? Meaning of Lord Rama in hindi
भगवान राम का अर्थ – राम भगवान हैं, साकार भी हैं और निराकार भी है। राम आदि अनादि हैं। मोरारी बापू “मानस – राम जनम के हेतु अनेका” मुंबई में कथा कहते हुए बता रहे हैं कि
तलगाजरडी दृष्टि से मैं कहूँ कि राम माने 7 वस्तु …7 बातें …
राम माने विचार – व्यक्ति तो है ….व्यक्तित्व है …व्यक्ति विशेष है …पूरा अस्तित्व है ….लेकिन राम को केवल एक व्यक्ति के रूप में मत देखो …ये विचार है …शास्वत विचार है …
राम जिसको मूर्तिमंत हम कहते हैं। जिसकी लीला राम ने अवतार रुप में लेकर की …वो तो है ही लेकिन आज के संदर्भ में युवान भाई बहन 9 दिन में हम राम का प्रागट्य करेंगे ….राम का जनम हुआ …उत्सव मनायेंगे वगैरह ।
राम का जन्म मतलब क्या ?
त्रेतायुग में प्रगट हुए …हम तो कलियुग में हैं …हमारा क्या ?
हमें राम चाहिये …हमारे पास कथा है …राम तो नहीं है …….तो युवान भाई बहन …..
1. राम माने आराम – हमारे जीवन में जब भी आराम प्रगटे ….राम नवमी समझो। चैत्र मास की प्रतीक्षा मत करो …..त्रेतायुग की प्रतीक्षा में मत डूबो …..जब आपके परिवार में, आपके निजी जीवन मे आपके बीवी बच्चों के साथ …आपके समाज के साथ …आप आराम महसूस करें कि अहाहा आज बहुत आराम मिला है, तब समझना आज मेरे जीवन में राम जनम हुआ है। यही है चैत्र शुक्ल नवमी।
2. राम माने विराम – विराम कहते हैं विशेष आराम को। हमारा आराम क्षण भंगुर होता है ….समय में सीमित होता है। अगर आज बहुत विराम मिला तो समझना राम प्रगट हुआ।
3. राम माने विश्राम – जब हमारे जीवन में विश्राम मिले तो ये राम है।
4. राम माने अभिराम – युवानों याद रखना …मैं पहली बार कह रहा हूँ ….तुम्हारा सुंदर कांड चल रहा है। इतने सालों से कथा कह रहा हूँ ….ये युवानों का सुंदर कांड है। मैं मुंबई में कह रहा हूँ ..और ये सुंदर कांड है….. तब ….जहाँ भी अभिराम चीज़ देखो …तब समझना ये राम है ….हाँ …दृष्टि का ध्यान रखना ….
कोई अच्छा पौधा देखो …मनोहर ….अभिराम ….
कोई अच्छा व्यक्ति देखो ….कोई अच्छा महोत्सव चल रहा है …..ये राम है।
5. राम माने आनंद – हमारे दिल में जब आनंद प्रगटे ….स्वामी शरणानंदजी कहते थे कि सुख वो है जिसमें दुख दब गया है …मिटा नहीं है …..बड़ी perfect ..बड़ी 2 टूंक बात थी और आनंद वो है जिसमें दुख मिट चुका है …आनंद है राम।
6. राम मानेआरोग्य – मुझे इस कथा में कहना है छठ्ठा राम है – आरोग्य। हमारे शरीर में निरोगिता हो तो समझना तुम्हारे हृदय की अयोध्या में राम जनम हुआ है।
7. राम माने आवकार – कोई भी हो …किसी भी धर्म का हो …किसी भी जाति का हो …किसी भी वर्ण का हो …किसी भी देश का हो …किसी भी वेश का हो …किसी भी भाषा का हो …वो तुम्हारे पास आये और तुम उसे प्रेम से आवकार दो ….ये आवकार सांतवा राम है।
मोरारी बापू के शब्द
मानस राम जनम के हेतु अनेका
जय सियाराम
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मुरारी बापु ने राम के मतलब की विवेचना की है।जो बिलकुल सही है।
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Jai Siyaram 🙂
aapka bahut bahut dhanywad. Jai siyaram 🙂