Radha Rani kon hai ?
राधा रानी कौन हैं?
राधा और कृष्ण दोनों में कोई भेद नही है। अगर भगवान श्री कृष्ण शरीर हैं तो राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की आत्मा हैं।
राधा रानी गंगा है तो गंगाजी जी की धार भगवान कृष्ण हैं। राधा रानी भोली भली हैं लेकिन कृष्ण जी चंचल हैं। राधा रानी साक्षात् प्रेम है।
राधा रानी महाभाव रूपा हैं। जिस तरह राम नाम की महिमा का बखान नही किया जा सकता है उसी तरह से श्री राधा रानी की महिमा भी अनंत-अनंत है।
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भगवान श्री कृष्ण के आगे जो श्री लगता है ना वो साक्षात् किशोरी जी का ही नाम है। श्री कृष्ण का अर्थ है राधा कृष्ण। संत जन इस बारे में बड़ा विस्तार से बताते हैं।
हो सकता है भगवान कृष्ण किसी भक्त की कामना को पूरा करते हों लेकिन धन्य है राधा रानी जो भगवान कृष्ण की ही कामना को पूरा करती है। अगर राधा ना होती तो कृष्ण अवतार ही ना होता।
एक बार की बात है सनक-सनन्दन आदि ब्रह्मा जी के पास गए और पूछा कि- सर्वप्रधान देवता कौन हैं और उनकी कौन-कौन सी शक्तियाँ हैं? उन शक्तियों में कौन सी शक्ति सबसे श्रेष्ठ है?
ब्रह्मा जी बोले- ‘‘पुत्रो, मैं तुम्हें अत्यन्त गोपनीय से भी गोपनीय रहस्य बता रहा हूं, जो इसके योग्य ना हों उन्हें ये बात कभी मत बताना।
कृष्ण स्वरूप में भगवान हरि ही परम तत्व हैं और परम देवता हैं।
शास्त्रों में सबसे श्रेष्ठ श्रीमद्भागवत् है। उसमें आया है कि भगवान श्रीकृष्ण ही स्वयं एकमात्र भगवान हैं और बाकी सब तो उन्हीं के अंश या कला हैं। कृष्ण ही स्वयं भगवान हैं। वृन्दावन उनका धाम है और गोप-गोपियों से वे आराधित हैं। उनका आदि नहीं है, वे ही सबके आदि हैं। उनका ही एक वैभव प्रकाश नारायण है। सब अवतार उन्हीं से उत्पन्न हैं। उनकी एक परा शक्ति है।
जिनका नाम आल्हादिनी शक्ति है। उसे स्वरूप शक्ति भी कहते हैं, वे कृष्ण से अभिन्न हैं। वे ही राधा जी हैं।
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कृष्ण की समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाली हैं। कृष्ण भी उनकी आराधना करते हैं। उन्हें प्रसन्न देखकर कृष्ण प्रसन्न होते हैं।
और कृष्ण को प्रसन्न देखकर वे प्रसन्न होती हैं। ‘‘राधिका जी कौन हैं- ये कृष्ण की प्रणय अर्थात् जाग्रत चेतना हैं।
कृष्ण हैं ‘रसो वै स:’। अर्थात् वे सब रसों के आस्वादक भी हैं और सागर भी हैं। राधिका जी उनके प्रेम की घनिभूत मूर्ति हैं। वो
प्रेम की घनिभूत मूर्ति महाभाव स्वरूपा विलास के लिए और कृष्ण को आनन्द देने के लिए जब मूर्ति धारण करती हैं, उन्हीं का नाम राधिका जी है।
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राधा जी कृष्ण जी को पाना मुश्किल नही है। बस आपका युगल सरकार के चरणों में प्रेम होना चाहिए। आप बांके बिहारी के चमत्कार की कहानियों को पढ़िए, भगवान की कथा सुनिये। आपका भगवान से प्रेम हो जायेगा। जब आपका भगवान से सच्चा प्यार होगा तो आपको भगवान बिलकुल भी दूर नही लगेंगे।
अगर आपका थोड़ा सा भी प्रेम राधा जी के चरणों में है तो हमारी किशोरी जी आपके प्रेम को स्वीकार करती हैं।
श्री राधे !! श्री राधे !! श्री राधे !!
Shri Radhey..
jai jai shri Radhe..
Shri Radhey ji 🙂