Radha Krishna Playing holi Story in hindi
राधा और कृष्ण की होली खेलने की कहानी
राधा और कृष्ण की होली बड़ी ही प्यारी है। संत महात्मा और रसिक जन जिनका वर्णन करते हैं। आप सभी इस भाव को डूबकर पढ़िए। और मैं तो ये कहूंगा की पढ़िए मत दर्शन कीजिये।
एक बार कृष्ण जी अपने ग्वाल बाल संग होली खेलने बरसाने में गए। जैसे ही बरसाने गाँव में पहुंचे। गाँव की सीमा में ही हल्ला हो गया। सांवरा नन्द लाल कान्हा, ग्वाल संग होली खेलन आ गया।
होली खेलन गए कृष्ण बरसाने में,
आज धूम मचा दी बरसाने में।।
आज सारे गाम में चर्चा हो रही। राधा और कृष्ण की होली देखने को भीड़ एकत्र हो गई।
कान्हा ग्वाल बाल संग, हाथ में गुलाल संग, पिचकारी लिए जोर जोर से होली है होली है कहते हुए , राधा रानी के महल की ओर बढ़ रहे हैं।
आज राधा रानी भी पूरी तैयारी में, सखियों संग बैठी है। जैसे ही कान्हा द्वार पर पहुंचे। और कहने लगे, राधे! क्यों छिप रही हो। होली के दिन क्यों घर में बैठी हो।
तभी राधा ने सखियों को भेजा। कान्हा को ग्वाल बाल संग होली खेलने का न्योता भेजा।
तब राधा रानी बाहर निकल कर आई। सारे गाम में आज चर्चा चली। कौन जीतेगा ये होली का त्यौहार। एक तरफ ग्वाल बाल संग कान्हा है। दूसरी ओर ललिता, विशाखा सखियों संग सुंदर प्यारी हमारी राधा है।
कान्हा ने रंग से भरी पिचकारी, राधा की चुनरी पे डारि।
तभी सान्खियों ने भी रंग ओर गुलाल कान्हा की कारी कंवर पर डारि।
दोनों ओर से खूब रंग, गुलाल और पिचकारी चलाई जा रही है।
कान्हा बार बार राधा रानी पर रंग डाल देते हैं। और राधा रानी पिचकारी लिए खड़ी ही रहती हैं। अब राधा ने सखियों संग, कान्हा के ऊपर रंग डाला, लेकिन जैसे ही रंग डाला कान्हा सांवरा सलोना बचकर भाग गया।
राधा जी को गुस्सा आया, सखियों संग कान्हा को पकड़ गिराया,
हाथ जोरन लगे कन्हैया, ग्वाल बालों से कहवे छुड़वाओ हमारी बैयां,
ग्वाल बाल बोले, नही भैया नही भैया, क्यों रंग डारो तुमने कन्हैया।
अचानक से कान्हा हाथ छुड़ाकर वहां से भाग गए। फिर से एक सोच के साथ राधा रानी के पास आये और खूब सारा संग राधा रानी के ऊपर डाल गए।
राधा रानी ने भी पिचकारी से कान्हा को भिगोना चाहा लेकिन राधा रानी की पिचकारी में रंग खत्म हो गया। इतने में कान्हा ने एक बार फिर राधा रानी को रंग से सराबोर कर दिया।
राधा रानी किसी से भी कह नही पा रही थी कि उनकी पिचकारी खत्म हो गई है। तभी एक बालक वहां पर आया। और उस बालक के हाथ में रंग से भरी हुई एक बाल्टी थी। जैसे ही कान्हा ने उस बालक को देखा तो तुरंत ही कान्हा उस बालक से बाल्टी लेने के लिए दौड़ा। लेकिन राधा रानी ने झट से वहां पर आ गई। और बालक संग बाल्टी लेकर कान्हा के ऊपर दे मारी। आज कान्हा रंग में डूब कर नीले से काले हो गए।
सभी बरसाने वाले ठहाके लगाकर जोर जोर से हँसने लगे। कान्हा भी मंद मंद मुस्कुराने लगे। अपनी हार और राधा की जीत में मगन होने लगे।
राधा और कृष्ण मिलकर उस बालक संग लाड लड़ाने लगे। सभी ग्वाल बाल और सखियों संग , राधा कृष्ण ख़ुशी के गीत गाने लगे। आज सब मिलकर होली खेलन लगे।
होली में हार जीत तो एक बहाना है। होली के जरिये प्यार को बढ़ाना है।
राधा और कृष्ण की तरह आपकी होली भी प्रेम और खुशियों से भरी हो।
राधा कृष्ण की होली की फोटो डाउनलोड करने और देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
केवल कहानी कृष्ण भगवान की मेरे वाट्स अप नंबर पर नित्य भेजे
aap yahi se khud send kar sakte hai.. Jai Shri Krishna 🙂
केवल कहानी कृष्ण भगवान की मेरे वाट्स अप नंबर पर नित्य भेजे
बहुत ही सुन्दर कहानी कृष्ण भगवान की
mera group par koi group nahi hai.. isliye aap khud yaha se hi padh sakte hai… Hare Krishna 🙂
बहुत ही सुन्दर
sukriya