Krishna Kaliya daman(mardan) hindi story
कालिया दमन(मर्दन) कथा
एक दिन यमुना के तट(Yamuna tat) पर गए और गइया(gaiyan) भी बेहोश हो गई और ग्वाल बाल(gawal baal) भी मूर्छित हो गए। क्योंकि यमुना का जल दुषैला हो गया था। उस यमुना में काली नाग(Kali naag) रहता था। भगवान ने कहा की मैं इस काली को नाथुंगा। और यमुना जी को बचाऊंगा।
एक दिन बलराम जी का जन्मदिन था और अकेले ग्वाल बालों के साथ भगवान कृष्ण ही गऊ चराने आये हैं। श्रीदामा गेंद के साथ खेलने लगे। जब खेल रहे थे तो कृष्ण जी ने जान बुझ कर यमुना में गेंद फेंक दी है।
श्रीदामा जी बोले कन्हैया मेरी गेंद मुझे लेकर दे। कृष्ण बोले की भैया घर चल में तुझे मैया से दूसरी गेंद बनवाकर दे दूंगा। लेकिन श्रीदामा जी मचल गए और रोने लगे की नही कन्हैया मुझे मेरी गेंद ही चाहिए।
कृष्ण बोले ठीक है भैया तू रो मत अभी लेकर देता हूँ। भगवान श्री कृष्ण जी कदम्ब(kadamba tree) के पेड़ पर चढ़ गए। और यमुना में कूदने लगे तो सभी ग्वाल बाल हल्ला करने लगे की तू मत कूद कन्हैया इसमें बहुत बड़ा काली नाग रहता है। लेकिन भगवान ने छलांग लगा दी।
और सीधे पहुंच गए जहाँ काली निवास करता है। उस समय काली नाग सो रहा है। और नागिन जाग रही थी। जब उन्होंने भगवान को देखा तो मन्त्र मुग्ध हो गई और नागिन कहती है-
Krishna or Nagin Sanwad कृष्णा और नागिन संवाद
यह संवाद पूज्य गुरुदेव श्री मृदुल कृष्ण गोस्वामी जी(Shri mridul krishan Goswami ji) और श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी(Shri Gaurav krishan goswami ji) कथा में कहते है।
कौन दिशा ते आयो रे बालक कौन तुम्हारो नाम है ?
कौन सखी के पुत्र जू कहिये कौन तुम्हारो गाम है?
kon disha te aayo re baalak, kon tumharo naam hai?
kon sakhi ke puter ju kahiye, kon tumharo gaam hai?
नागिन भगवान से पूछती है अरे लाला तू कौन है? कहाँ से आया है? और तेरे माता पिता कौन है?
भगवान बोले की अरी नागिन –
पूरब दिशा दे आयो रे नागिन कृष्ण हमारो नाम है।
मात यशोदा और पिता नन्द जू गोकुल हमारो गाम है।
Purab disha te aayo ri nagin krishan hamaro naam hai.
Maat yashoda pita nand ju, gokul hamaro gaam hai.
भगवान कहते है नागिन में पूर्व दिशा से आया हूँ। कृष्ण मेरा नाम है। माँ यशोदा और पिता नन्द जी है।
नागिन बोली की आप यमुना में क्यों कूदे?
कह बालक तू डगर भूल्यो, बगड़ भूल्यो कह घर नार रिसाइयां?
या तेरे मन में क्रोध उपज्यो ना बारें बैरिन भर बाइयां।
Keh Baalak tu dagar bhulyo, bagad bolyo keh ghar naar risaiyan?
ya tere mann me karodh upjyo ya barin bhar aaiyan
अर्थ: क्या आप रास्ता भूल गए। क्या किसी बेरी ने तुम्हारे कान भर दिए और तुम्हे गुस्सा आ गया। या अपनी पत्नी से लड़ाई करके यमुना में कूदे हो?
भगवान कहते है-
ना नागिन में डगर भूल्यो बगड़ भूल्यो ना घर नार रिसाइयां।
ना मेरे मन में क्रोध उपज्यो ना बेरिन भर बाइयां।
Na nagin me dagar bhulyo bagad bhulyo na ghar naar risaiyan
na mere mann me karodh upjyo na barin bhar baaiyan
अर्थ: भगवान बोले नागिन न तो मैं रास्ता भुला हूँ न ही डगर और न मेरी अपनी पत्नी से घर में लड़ाई हुई है। और मुझे गुस्सा भी नही है और किसी बेरी ने मेरी कान भी नही भरे हैं।
नागिन कहती है फिर बालक तुम यमुना में क्यों कूदे?
ले बालक गलहार माला सवा लाख की बोरियां
इतने ले घर जाओ रे बालक नाग से दूँ में चोरियां
le baalak galhaar mala sava laakh ki boriyan
itno le ghar jao re baalak naag se duin me choriyan
अर्थ: नागिन कहती हैं हम चोरी से(अपने नाग से छिपकर) आपको गलहार माला और सवा लाख की बोरियां देती हूँ। आप अपने घर ले जाओ।
भगवान बोले की हमें चोरी का माल नहीं चाहिए-
ना चाहिए गलहार माला सवा लाख की बोरियां
मात यशोदा दही बिलोवें तेरे नाग की करूँ में डोरियां।
Na chahiye galhar maala sava lakh ki boriyan.
maat yashoda dahi bilove tere naag ki karun me doriyan.
अर्थ: भगवान बोले की नागिन मुझे चोरी की चीज नही चाहिए। मालूम है मैं यहाँ क्यों आया हूँ? देख मेरी माँ यशोदा जब दधि मंथन करेगी तो मेरी माँ को डोरी की आवश्यकता पड़ेगी तो तेरे नाग की मैं डोरी बनाउंगा। जब मेरी प्यारी राधा रानी झूला झुलेंगी तो मुझे रस्सी की आवश्यकता होगी तो तेरे नाग की मैं डोरी बनाऊंगा।
नागिन बोली की हम इसे कितने स्नेह कर रही है और ये हमारे पति अपमान कर रहा है। हम इसे कितना स्नेह दे रही हैं। लेकिन ये मान नही रहा और उन्हें क्रोध आ गया और अपने पति को जगाने लगी की
पैर चुम्बे भुजा मरोरे नागिन नाग जगाईयां।
उठो-उठो बलवंत योद्धा बालक नाथन आइयाँ।
Pair chumbe bhuja marore naagin naag jagaiyan.
utho utho balwant yodha baalak nathan aaiyan.
नागिन अपने पति को जगाने लगी और काली नाग
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its very interesting.
Thanks… Jai Shri Krishna
its very interesting.but i want to know the sloke which nag kanya ne srikrisn ki bandana ki thi kaliya nag ko bachane ke liye
Thanks you so much …
Sir…. vo salok aapko Shrimad Bhagwat puran me mil jayega….