Krishna and Fruit seller(Phal Wali) in hindi
फल बेचने वाली पर कृष्ण कृपा
एक दिन बालकृष्ण(Baal krishna) ने फल वाली पर भी कृपा(phal wali per kripa) की है। भगवान ने देखा की उसके द्वार पर कोई फलवाली(phalwali) फल बेच रही है। और आवाज लगते हुए जा रही है कोई फल ले लो री! कोई फल ले लो री।(koi Phal Le lo ri, Koi fal le lo ri)
भगवान जी ने जैसे ही सुना तो दौड़े दौड़े गए और बोले मैया-मैया मुझे ये फल(fal) दे दे। मैया बोली की ठीक है लाला मैं दे दूंगी पर बदले में कुछ अनाज लेके आ जा।
कन्हैया कहते है ठीक है मैया।
भगवान अंदर गए है और अपने दोनों हाथो की मुट्ठी में अनाज भर कर लाते है। और दौड़े दौड़े नन्द भवन के अंदर से आते है। लेकिन रस्ते में सारा अनाज गिराते भी जा रहे है। जब तक मैया की पास पहुंचे केवल 2- 4 दाने ही बचे हैं।
फल बेचने वाली बोली की लाला क्या लेके आयो है ?
कृष्णा ने कहा मैया तेरे लिए बहुत सारा अनाज लेके आया हूँ। दोनों मुट्ठी में अनाज है मेरे।
मैया बोली अच्छा लाला दिखा मेरे को।
ज्यों ही कृष्ण ने अंजुली खोली तो केवल 2-4 दाने ही बचे थे। फल वाली बोली की लाला तू तो कहवे है की बहुत सारा आनाज लायो है। ये देख थोड़ा सा है।
भगवान बोले वहां से लेके बहुत सारा चला था पर रस्ते में सब गिर गयो मैया। मेरे छोटे छोटे हाथ है तो अंजुली के बीच से गिर गयो मैया।
भगवान की मीठी मीठी बाते सुनकर फल वाली मुस्कराने लगी और भगवान से 2-4 दाने ले लिए और उनको टोकरी में रख लिया। और बदले में मैया ने भगवान को सारे फल दे दिए। और मैया अब ये कहना भूल गई कोई फल ले लो री कोई फल ले लो री
मैया आवाज लगा रही है कोई श्याम ले लो री! कोई श्याम ले लो री। Koi shyam le lo ri, koi syam le lo ri.
जब वह फल वाली घर पहुचती है तो क्या देखती है जिस टोकरी में उसने अनाज के 2-4 दाने रखे थे। अनाज के दानों जगह वो टोकरी हीरे और मोतियों से भर गई थी। इस प्रकार भगवन ने फल वाली पर कृपा की है
आध्यत्मिक पक्ष- Religious side of the story
भगवान कहते है तुम मुझे थोड़ा बहुत भी दोगे मैं तुम्हे बदले में हजार गुना वापिस करूँगा। वैसे मुझे किसी का कुछ लेने की जरुरत नहीं है। मैं भाव देखता हूँ। और उस भाव के बदले मैं सब कुछ अपने भक्त को दे देता हूँ।
बोलिए कृष्ण कन्हैया की जय !! krishan kanhaiya ki jai